महाराष्ट्र में पिछले कुछ सालों में कई सियासी उलटफेर देखने को मिले हैं। ताजा मामला एनसीपी से जुड़ा है, जहां शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बगावत कर पार्टी को तोड़ दिया और बीजेपी के साथ सरकार में शामिल हो गए। फिलहाल उन्हें डिप्टी सीएम का पद दिया गया है।
आइये NCP प्रमुख शरद पवार के विषय में कुछ रोचक बाते जानने का प्रयास करते हैं।
शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर, 1940 को हुआ था। पवार ने अपने सियासी सफ़र की शुरुआत कांग्रेस के साथ 1967 में की। 1984 में बारामती से उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता। उन्होंने 20 मई, 1999 को कांग्रेस से अलग होकर 25 मई, 1999 को एनसीपी बनाई। उनके नाम महाराष्ट्र का सबसे यंग मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है।1993 में उन्होंने चौथी बार सीएम के पद शपथ ली। केन्द्र सरकार में रक्षामंत्री भी शरद पवार रह चुके हैं। इसके अलावा वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(BCCI) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पवार 2005 से 2008 तक बीसीसीआई के चेयरमैन रहे और 2010 में आईसीसी के प्रेसिडेंट बने।
शरद पवार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शादी से पहले उन्होंने अपनी पत्नी प्रतिभा पवार के सामने एक ही संतान पैदा करने की शर्त रखी थी। उन्होंने कहा था, हमारी एक ही संतान होगी, चाहे वह लड़का हो या लड़की। इसके बाद 30 जून 1969 को पुणे में सुप्रिया का जन्म हुआ। 44 साल पहले यह निर्णय लेना काफी कठिन था, लेकिन उन्होंने यह करके दिखाया।
शरद पवार विपक्षी एकजुटता के प्रमुख चेहरा हैं। जिन्होने सारे विपक्षी दलों के नेताओं को एक मंच में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।अगर शरद पवार के गुट में ही एकजुटता देखने को नही मिलती तो फिर बीजेपी के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। महाराष्ट्र में रविवार को हुए सियासी ड्रामें में NCP नेता अजीत पवार ने शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लिया। अजीत पवार के इस कदम को NCP प्रमुख शरद पवार नें धोखा बताया और दावा किया कि ज्यादातर विधायक उनके साथ हैं। वहीं अजीत पवार गुट का दावा है कि NCP के ज्यादतर विधायक उनके खेमें में हैं।
शरद पवार एक ऐसा राजनेता जिसने लड़ झगड़कर अपना झंडा बुलंद किया। सोनिया गांधी से खफा हुआ तो कांग्रेस छोड़ दी और अपनी पार्टी बना ली। जब गुस्सा फूटा तो अपने विरोधियों की राजनीतिक जमीन तक को हिला दिया। आरोप लगे कि उसने दाऊद इब्राहीम को आत्मसमर्पण करने से रोक दिया। फिर उसने महीनों इंतजार किया, फिर अपनी सफाई लिखी। और प्रधानमंत्री को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया।
महाराष्ट्र सरकार के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार को लेकर दावा करते हुए महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया। उन्होंने दावा किया कि शरद पवार साल 2019 BJP- NCP वाले घटनाक्रम में शामिल थे। लेकिन अजीत पवार के शपथ ग्रहण समारोह के 4-5 दिन पहले शरद पवार पीछे हट गये। शरद पवार ने इस पूरे प्रकरण को स्वीकारा और कहा कि पूरा प्रकरण सिर्फ बीजेपी को बेनकाब करने के लिए किया गया था। जिससे पता चल सके कि बीजेपी सत्ता की कितनी भूंखी है।
राजनीतिक जोड़-तोड़ के माहिर शरद पवार का अगला हथकंड़ा क्या होता है यह देखना दिलचस्प होगा।
*ईं0 मंजुल तिवारी*
*सम्पादक राष्ट्र दर्पण न्यूज*
*सम्पर्क सूत्र- 7007829370*
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