*प्रयागराज*- उमेश पाल हत्याकांड के बाद अब उनकी पत्नी जया पाल को प्रयागराज से मेयर प्रत्याशी बनाए जाने की मांग उठने लगी है। टिकट दिए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर आवाज उठने लगी है। उमेश पाल की पत्नी जया पाल के समर्थन में पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।उमेश पाल हत्याकांड की गूंज पूरे देश में रही है। वहीं, उमेश पाल बीजेपी से भी जुड़े रहे थे। साथ ही उमेश पाल कई सालों से विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काम करते रहे थे। उमेश पाल की पकड़ उनके समाज और संगठन में लगातार बढ़ती रही थी। बीजेपी पिछड़ी जातियों को साधने के लिए उनकी पत्नी जया पाल पर प्रयागराज से दांव लगा सकती है।उमेश पाल के परिवार ने सक्रिय राजनीति में आने के भी संकेत दे दिए हैं। वहीं, पिछड़ी जातियों के मतदाताओं का भरोसा जीतने के लिए बीजेपी जया पाल पर अपना दांव लगा सकती है। इससे न सिर्फ बीजेपी को पिछड़ी जाति के वोट मिलेंगे, बल्कि उमेश पाल हत्याकांड की सहानुभूति भी बीजेपी को मिल जाएगी।दरअसल, सोशल मीडिया पर उमेश पाल की पत्नी जया पाल के पोस्टर वायरल हो रहे हैं, जिसमें जया पाल को महापौर पद का प्रत्याशी बनाया गया है. इसके अलावा पोस्टर पर एक नारा भी लिखा हुआ है कि पति के सम्मान में, जया पाल मैदान में।नारे के साथ उमेश पाल की पत्नी जया पाल के चित्र वाला पोस्टर वायरल हो रहा है. पोस्टर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चित्र भी है. उमेश पाल की पत्नी जया पाल क्या अब नगर प्रमुख का चुनाव लड़ना चाहती है, यह संशय बरकरार है। जब इस संबंध में जया पाल से जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बोलने से इंकार कर दिया, हालांकि न तो उन्होंने सहमति भरी और न ही इसका विरोध किया. राजनीति में इस तरह की चुप्पी को सहमति माना जाता है। उमेश पाल के 24 फरवरी को हूए हत्याकांड के बाद जया पाल ने पत्रकारों से बातचीत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना गार्जियन बताया था। कहा था कि मेरे परिवार में अब कोई बड़ा नहीं है। अब मुख्यमंत्री जी ही हमारे गार्जियन हैं। अब तो उन्हीं से न्याय का भरोसा है। हमारे परिवार की रक्षा वही करेंगे। उमेश पाल की मां शांति पाल ने भी मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई थी। कहा था कि हमारे कलेजे को तथी ठंडक पहुंचेबी जब अतीक अहमद और उसके परिवार को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। शांति पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय से अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं आई है। जया पाल ने कहा कि वो बीजेपी में ही रहकर अपना राजनीतिक भविष्य तलाश कर रही हैं। अगर भाजपा आलाकमान उन्हें मौका देंगे तो वह प्रयागराज से जरूर मेयर का चुनाव लड़ना चाहेंगी। जया पाल का कहना है कि अगर उनके पति आज विधायक या सांसद होते तो उनकी इस तरह से हत्या नहीं होती। वो आम आदमी थे। वकील थे। इसके बाद भी उन्होंने अतीक अहमद जैसे माफिया से 17 साल तक लड़ाई लड़ी। उनके पति जिस पार्टी में रहे हैं वो भी उसी पार्टी में रहकर समाज की सेवा करना चाहती हैं। राजनीति में क्यों आना चाहती हैं इस सवाल पर जया का कहना है कि राजनीति में आने से ही उनके परिवार की सुरक्षा हो सकेगी। जबतक अतीक अहमद और उसके भाई को फांसी न हो जाए उनका परिवार सुरक्षित नहीं है। ऐसे में राजनीति में आकर वो अपनी लड़ाई और मजबूती से लड़ सकेंगी।
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