अझुवा/कौशांबी
लावारिश हालत मे जी.टी. रोड पर सड़क किनारे मिली बच्चियों को चौकी प्रभारी अझुवा परिजनों के सुपुर्द करने के प्रयास मे जुटे
आज शाम करीब साढ़े सात बजे अझुवा चौकी प्रभारी विजेन्द्र सिंह की नज़र गश्त के दौरान जी.टी.रोड अझुवा मे सड़क किनारे लावारिश परेशान हालत मे खड़ी तीन छोटी बच्चियां पर पड़ी तो उन्होने बच्चियों को चौकी लाकर उन्हे बिस्कुट-नमकीन खिलाया और पानी पिलाया उनसे पूछताछ की जिस पर उनमे से सबसे बड़ी काजल उम्र करीब आठ वर्ष ने बताया कि उसकी मां श्रीमती उन्हे छोड़कर बस मे बैठकर कहीं चली गई।उससे प्राप्त जानकारी के अनुसार उससे छोटी उसकी बहन खुशबू उम्र लगभग पांच वर्ष व सबसे छोटी आराधना उम्र करीब तीन वर्ष है ।उनका ननिहाल अठसरई मे हैं जहां वे अपनी मां,मामा सुनील कुमार पासी व मौसी आदि के साथ रहती है।आज शाम उसकी मां हम तीनो बहनों को लेकर आई और बस मे बैठकर हमे सड़क पे छोड़कर कहीं चली गई।खबर लिखे जाने तक चौकी प्रभारी विजेन्द्र सिंह बच्चियों को ढ़ांढ़़स बंधाते हुए उसके मामा का पता लगवाकर फोन पर संपर्क साधा और बच्चियों को सकुशल परिजनों के हवाले करने के लिए उन्हे चौकी बुलवाया है।अझुवा/कौशांबी
तीन बच्चियों को छोड़कर मां बस मे बैठकर फुर्र
लावारिश हालत मे जी.टी. रोड पर सड़क किनारे मिली बच्चियों को चौकी प्रभारी अझुवा परिजनों के सुपुर्द करने के प्रयास मे जुटे
आज शाम करीब साढ़े सात बजे अझुवा चौकी प्रभारी विजेन्द्र सिंह की नज़र गश्त के दौरान जी.टी.रोड अझुवा मे सड़क किनारे लावारिश परेशान हालत मे खड़ी तीन छोटी बच्चियां पर पड़ी तो उन्होने बच्चियों को चौकी लाकर उन्हे बिस्कुट-नमकीन खिलाया और पानी पिलाया उनसे पूछताछ की जिस पर उनमे से सबसे बड़ी काजल उम्र करीब आठ वर्ष ने बताया कि उसकी मां श्रीमती उन्हे छोड़कर बस मे बैठकर कहीं चली गई।उससे प्राप्त जानकारी के अनुसार उससे छोटी उसकी बहन खुशबू उम्र लगभग पांच वर्ष व सबसे छोटी आराधना उम्र करीब तीन वर्ष है ।उनका ननिहाल अठसरई मे हैं जहां वे अपनी मां,मामा सुनील कुमार पासी व मौसी आदि के साथ रहती है।आज शाम उसकी मां हम तीनो बहनों को लेकर आई और बस मे बैठकर हमे सड़क पे छोड़कर कहीं चली गई।खबर लिखे जाने तक चौकी प्रभारी विजेन्द्र सिंह बच्चियों को ढ़ांढ़़स बंधाते हुए उसके मामा का पता लगवाकर फोन पर संपर्क साधा और बच्चियों को सकुशल परिजनों के हवाले करने के लिए उन्हे चौकी बुलवाया है।