भ्रष्टाचार में लिप्त पंचायत सचिव को संरक्षण देकर दो वर्षों से सैकड़ों करोड़ का सरकारी खजाना खाली करने में सफल दिखाई पड़ रहे हैं जिला पंचायत राज अधिकारी
कौशाम्बी ग्राम पंचायतों में बढ़ते भ्रष्टाचार के बीच बार-बार शिकायतें हो रही है शिकायतों के बाद कुछ मामले में तो जांच के दौरान लीपापोती होती है कुछ मामले में दोषी पाए जाने के बाद अधिकारियों नेताओ के दबाव में पंचायत सचिव को निलंबित किया जाता है लेकिन कुछ दिन बाद फिर उन्हें नियम विरुद्ध तरीके से बहाल कर दिया जाता है गजब की बात यह है कि जहां से उन्हें निलंबित किया जाता है घोटाले की लीपापोती करने के लिए उन्हें फिर उसी गांव में तैनाती दे दी जाती है बीते 2 वर्षों से पंचायत सचिव के साथ इस खेल की आड़ में जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला विकास अधिकारी मालामाल हुए हैं लेकिन उसके बाद भी पंचायत सचिव के खेल पर आला अधिकारी गंभीर नहीं हुए जिससे जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला विकास अधिकारी निरंकुशता के साथ पंचायत सचिव की तैनाती निलंबन और बहाली के मामले में मनमानी तरीके से आदेश निर्देश जारी कर रहे हैं 2 वर्षों के बीच पंचायत सचिव के भ्रष्टाचार घोटाले के आरोप पर उनका निलंबन उनकी बहाली के बाद तैनाती के लिए दिए गए आदेश की शासन स्तर से जांच हो जाए तो जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला विकास अधिकारी के कारनामों की कलाई खुलना तय हैं लेकिन क्या निष्पक्ष जांच हो पाएगी बार-बार घोटाला बार-बार निलंबन बार-बार बहाली बार-बार उसी स्थान पर तैनाती की आड़ में सरकार के सैकड़ो करोड़ के खजाने खाली हो चुके हैं लेकिन जिला मंडल से लेकर शासन स्तर तक बैठे अधिकारी तमाशबीन बने हुए हैं ताजा मामला सिराथू विकासखंड क्षेत्र के मलाक पींजरी ग्राम पंचायत का है
सिराथू विकासखंड क्षेत्र के मलाक पींजरी गांव में विकास कार्यों के मामले में भ्रष्टाचार धांधली का आरोप तत्कालीन पंचायत सचिव मनोज सोनी पर लगा था जांच के दौरान अधिकारियों ने मनोज सोनी को भ्रष्टाचार का दोषी पाया घोटाले के आरोप में पहले मनोज सोनी को निलंबित किया गया था फिर कुछ दिन बाद नियम विरुद्ध तरीके से उसे बहाली दे दी गई फिर भ्रष्टाचार का आरोप लगा और कुछ दिन बाद फिर निलंबन आदेश जारी कर दिया गया घोटाले का आरोप लगने के बाद उसकी गिरफ्तारी नहीं कराई गई उसे रिकवरी भी नहीं कराई गयी उसे बर्खास्त करने की कार्यवाही नहीं की गई और सारे अपराध को नजरअंदाज करते हुए फिर बहाली दे दी गई 2 महीने से ग्राम पंचायत में पंचायत सचिव की तैनाती नहीं थी लेकिन फिर पंचायत सचिव मनोज सोनी को मलाक पींजरी में तैनाती देकर सरकारी खजाना खाली करने की योजना बना ली गई है इसके पहले घोटाले के मामले की जांच अभी पूरी नहीं हो सकी जिसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए उसे तैनाती दे दी गई है जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर जिसे गिरफ्तार कर उसकी संपत्तियों को नीलाम करा कर सरकारी रकम की भरपाई की जानी चाहिए उसे बगल में बैठाकर अधिकारी वार्ता कर मालामाल हो रहे हैं मामला बड़ा गंभीर है और सुबह की योगी सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया तो पंचायत सचिव और बिकास भवन के अफसरों के घर योगी का बुलडोजर चलना तय है
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