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संयुक्त जिला चिकित्सालय के पर्ची पर फर्जी तरीके से एआरटीओ कार्यालय में बनाए जा रहे मेडिकल प्रमाण पत्र-

*तो फिर एआरटीओ कार्यालय से चल रहा है संयुक्त जिला चिकित्सालय*

*कौशाम्बी* संयुक्त जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों की भी स्थिति बेहद निराली है जिला अस्पताल से सादे पर्चे में मोहर दस्तक कर सादा पर्चा एआरटीओ कार्यालय भेजा जा रहा है जहां दलाल सादे पर्चे पर मेडिकल प्रमाण पत्र बनाकर एआरटीओ ऑफिस में वाहनों के रजिस्ट्रेशन ड्राइविंग लाइसेंस वाहन स्वामी का नाम पंजीकरण नाम ट्रांसफर आदि कार्यो में धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं जिससे एआरटीओ के जुर्माने से वह बच रहे हैं और सरकार को चूना लगा रहे हैं इस फर्जी तरीके से मेडिकल प्रमाणपत्र के आड़ में कुछ रुपयों का लाभ जिला अस्पताल के कर्मियों और चिकित्सकों को भी मिल रहा है एआरटीओ कार्यालय की सैकड़ों पत्रावली में जिला अस्पताल का यह फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र लगाकर वाहन स्वामियों ने गलत तरीके से लाभ उठाया है लेकिन जिला अस्पताल के पर्चे पर जारी किए जाने वाले मेडिकल प्रमाण पत्र की गंभीरता को अभी तक अधिकारियों में संज्ञान लेकर दलाल संबंधित लिपिक और दोषी चिकित्सक पर मुकदमा नहीं दर्ज कराया है जिससे एआरटीओ की भी भूमिका सवालों के घेरे में उत्पन्न हो रही है

जिला अस्पताल के पर्चे पर एआरटीओ कार्यालय के बाहर कई दलालों द्वारा फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनाए जाने का यह खेल लंबे समय से बेखौफ तरीके से बेरोकटोक चल रहा है और एआरटीओ कार्यालय के सामने कई दलालों के यहां भारी संख्या में संयुक्त जिला चिकित्सालय का पर्चा मुहर हस्ताक्षर सहित मिल सकता है लेकिन अभी तक दलालों के यहां मुहर हस्ताक्षर लगा सादा पर्चा की जांच कराने की कोशिश आला अधिकारियों ने नहीं किया है आखिर संयुक्त जिला चिकित्सालय का सादा पर्चा हस्ताक्षर मुहर सहित एआरटीओ कार्यालय में कैसे पहुंच रहा है जिससे वहां संयुक्त जिला चिकित्सालय का मुहर हस्ताक्षर किया हुआ सादा पर्चा हर समय मिल जाता है यह बड़ी जांच का विषय है एआरटीओ कार्यालय में दलालों द्वारा फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनाए जाने के खेल को बंद कराए जाने की जरूरत है आखिर संयुक्त जिला चिकित्सालय का वह कौन सा मनबढ़ चिकित्सक है जो कुछ रुपयों के लालच में सादे पर्चे पर हस्ताक्षर मुहर लगाकर एआरटीओ कार्यालय के दलालों तक पहुंचा रहा है उसे बेनकाब करने की जरूरत है क्षेत्र के लोगों ने डीएम सीएमओ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए फर्जी तरीके से मेडिकल प्रमाण पत्र बनाए जाने के गोरखधंधे को बंद कराकर दोषियों को बेनकाब करने की मांग की है इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से उनके मोबाइल फोन पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन काफी प्रयास के बाद उन्होंने फोन नहीं उठाया जिससे उनका पक्ष नहीं जाना जा सका है इस संबंध में जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है लेकिन सबूत के अभाव में कार्यवाही नहीं की जा सकती है

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Author: rashtradarpan