Rashtra Darpan News

सांसद वरूण गांधी का बड़ा बयान बोले- “सांसद, विधायक कमीशन खाते हैं।”-

कांग्रेस या सपा में शामिल होने की अटकलों के बीजेपी सांसद बीच वरुण गांधी ने बताया कि वो राजनीति में क्यों आए? वरुण गांधी ने कहा कि वह राजनीति में उन लोगों की आवाज बनने के लिए आए हैं जो अपनी आवाज नहीं उठा सकते। वरुण गांधी ने कहा कि मैंने संकल्प लिया है कि मैं उन लोगों की आवाज बनूंगा जो लोग अपनी आवाज नहीं उठा सकते। जब कोई व्यक्ति देश में नेता बन जाता है, तो वह तुरंत गरीब से अमीर बन जाता है। आम लोगों के इस विश्वास को भाजपा सांसद वरुण गांधी ने व्यक्त किया है। इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया है कि सांसद और विधायक 30 फीसदी तक का कमीशन खाते हैं। पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने शिकायत की कि जिनके पास नेता बनने से पहले खाने के पैसे नहीं थे, वो कम समय में फॉर्च्यूनर जैसी महंगी कारों में घूमने लगते हैं। भाजपा सांसद वरुण गांधी अपने बयानों के लिए सुर्ख़ियों में रहते हैं। अब एक जनसभा को संबोधित करते हुए वरुण गांधी ने कहा है कि राजनीति में ईमानदारी और स्वच्छता की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजनीति में वह उन लोगों की आवाज बनने के लिए आए हैं जो अपनी आवाज नहीं उठा सकते हैं। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी एक दिवसीय दौरे पर पूरनपुर प्रखंड में एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे। बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने कहा कि मैंने 14 साल से कोई सैलरी नहीं ली है और न ही मैं सरकारी आवास में रहता हूं।मैं चार साल पहले इसी कार में आपके पास आया था और हो सकता है चार साल बाद मैं आपके पास उसी कार में आऊंगा। मुझे राजनीति से कोई फायदा नहीं हुआ है। दूसरे सांसद और विधायक कमीशन खाते हैं। दुनिया जानती है कि जिनके पास खाने को रोटी नहीं थी वो आज फॉरच्यूनर का रुख कर रहे हैं।वरुण गांधी ने कहा कि जो लोग अधिकारी के खिलाफ अपना पक्ष नहीं रख सकते, वे अधिकारियों से अपना सम्मान लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे याद है जब मैं पहली बार संसद गया था, संसद भवन में प्रवेश करते हुए मैंने देखा कि एक के बाद एक बड़ी-बड़ी कारें खड़ी हुई हैं. मैंने सभी सांसदों को पत्र लिखा है। मैंने कहा कि हम सब देश के लिए अपनी तनख्वाह छोड़ दें ताकि देश को यह संदेश जाए कि हम पैसे के लिए राजनीति में नहीं आए हैं, हम दृढ़ संकल्प के साथ राजनीति में आए हैं।

पीलीभीत से ही बीजेपी सांसद ने केंद्र सरकार और अपनी ही सरकार की जमकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि मैं निजीकरण के खिलाफ हूं क्योंकि अगर रेलवे बिक गई, सेल बिक गई, एयरपोर्ट बिक गए, कंपनियां बिक गईं, सब कुछ बिक गया तो गांव के बच्चों को रोजगार कौन देगा?

rashtradarpan
Author: rashtradarpan