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सिराथू का चुनावी रण, किसके साथ होगा जीत का समीकरण-

कौशांबी

कौशाम्बी जनपद की विधानसभा सिराथू पिछले कुछ दिनों से बेहद चर्चा में है. राजनीतिक गहमागहमी और चर्चाएं बढ़ गई हैं ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बीजेपी ने सिराथू से टिकट दिया है. ऐसे में इस सीट पर होने वाला चुनाव हाईप्रोफाइल हो गया। सिराथू केशव प्रसाद मौर्य की जन्मस्थली है।2012 में वह सिराथू से विधायक बने थे, जानकारों की माने तो उनके पिता और वह रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे. बाद में केशव प्रसाद मौर्य विश्व हिंदू परिषद से जुड़ गए और इलाहाबाद में रहने लगे थे. सिराथू में केशव प्रसाद मौर्य का घर है। सिराथू विधानसभा सीट ऐसा क्षेत्र है, जहां बसपा का बोलबाला रहा है। ये कभी बसपा का गढ़ हुआ करता था. 2012 से पहले ये अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट थी। साल 1993 से 2007 तक यहां लगातार बसपा ने जीत हासिल की।2012 से पहले यहां बीजेपी और सपा ने कभी जीत दर्ज नहीं की थी।2012 में विधानसभा चुनाव से पहले परिसीमन के चलते ये सीट सामान्य हो गई। 2012 में बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्य को टिकट दिया। केशव प्रसाद मौर्य ने पहली बार में ही वो कर दिखाया, जो बीजेपी की ओर कोई नहीं कर पाया. इस सीट पर केशव प्रसाद मौर्य के रूप में पहली बार बीजेपी की जीत हुई थी।
सपा ने बड़ा दांव चलते हुए पल्लवी पटेल को प्रत्याशी बनाया है।पल्लवी पटेल मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं।सपा की कोशिश है कि यादव मुस्लिम और पटेल कुर्मी वोटों को साथ लाकर जीत दर्ज की जाय। वहीं बसपा ने मुंशब अली को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस से सीमा देवी भी ताल ठोक रही है।
आपको बतातें चलें कि सिराथू में 3 लाख 65 हजार से अधिक मतदाता हैं। 34 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 33 प्रतिशत दलित वर्ग के मतदाता है।19 प्रतिशत मतदाता सामान्य जाति से हैं।और 13 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है।पिछड़ा वर्ग और दलित वोट यहां निर्णायक स्थिति में रहते हैं।
लेकिन जानकारों की मानें तो यहां मुकाबला सिर्फ केशव जी और पल्लवी पटेल जी के बीच है।

राष्ट्र दर्पण संपादक इ0 मन्जुल तिवारी

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Author: rashtradarpan