करारी कौशाम्बी – रमज़ान का बरकत और रहमत वाला महीना आज से शुरू हो गया है । शहर काज़ी मुफ़्ती खुशनूद आलम एहसानी रज़वी ने बताया की 29 शाबानुल मुअज़्ज़म 1444 हिजरी को रमज़ानुल मुबारक का चांद नज़र नहीं आया और न ही कहीं से तस्दीक ए शरई ही प्राप्त हो सकी। अता ऐलान किया गया है की रमज़ानुल मुबारक 1444 हिजरी की पहली तारीख 24 मार्च 2023 जुमा को होगी।
शहर क़ाज़ी ने क़ुरान शरीफ सूरह बकरा आयत 183 के हवाले से बताया की अल्लाह ने क़ुरान में फ़रमाया की ऐ इमान वालों तुम पर रोज़े फ़र्ज़ (ख़ुदा की तरफ़ से अनिवार्य)किये गए | और हदीस में है हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :अगर बन्दों को मालूम होता कि रमज़ान क्या चीज़ है तो मेरी उम्मत इच्छा करती कि पूरा साल रमज़ान ही हो और हदीस की प्रसिद्ध किताब नसई शरीफ, भाग 1, पृष्ठ संख्या 308 में हदीस है की हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया (कहा ): जिसने ईमान और सवाब (पुण्य ) की नियत के साथ
रमज़ान के रोज़े रखे वह पापों से इस तरह पाक (साफ़ ) हो जाता है जैसे अभी माँ के पेट से पैदा हुआ हो|