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43 वर्ष में पहली बार अतीक अहमद को मिली सजा-

17साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया।कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है। कोर्ट ने तीनों पर 1- 1 लाख का जुर्माना भी लगाया।जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद, हनीफ, दिनेश पासी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अतीक और अशरफ की पेशी के मद्देनजर अदालत और जेल परिसर के बाहर कड़ी सुरक्षा लगाई गई थी। दोनों भाइयों को दो अलग-अलग जेलों से सोमवार को प्रयागराज लाया गया था।

बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हुई हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का चश्मदीद था। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था।अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र है।पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था। अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है। अतीक अहमद को आईपीसी की धारा 364 A समेत कई धाराओं में दोषी करार दिया गया। सुनवाई में अभियोजन ने अधिकतम सजा की सिफारिश करते हुए आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की, जबकि अतीक अहमद के वकील के ओर से अतीक की बीमारी, उम्र और जनप्रतिनिधि होने का हवाला देकर कम सजा की मांग की गई। *मेरी यही मांग है कि उसको फांसी की सजा हो*- उमेश की मां
फैसले से पहले प्रयागराज में उमेश पाल की मां शांती देवी ने कहा कि मेरे बेटे ने बहुत संघर्ष किया है। जेल उसका (अतीक अहमद) घर है और वहां से वो कुछ भी करा सकता है। प्रशासन ने अभी तक जो भी कुछ किया है उससे हम संतुष्ट हैं। मेरी यही मांग है कि उसको फांसी की सजा हो।

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Author: rashtradarpan