आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्र सरकार द्वारा भारतीय शिक्षा बोर्ड के गठन करके उसके संचालन की जिम्मेदारी बाबा रामदेव और उनके पतंजलि ट्रस्ट को देने का विरोध संत समाज ने किया है।
काशी में संपन्न बैठक में जूनागढ़ अखाड़ा के महामंडलेश्वर ने कहा कि रामदेव संत नहीं व्यापारी है। वे बाबा रामदेव नही बल्कि लाला रामदेव है। उन्होंने आगे कहा कि रामदेव तो वेदांग विरोधी भी है।
इस सम्मेलन में देश के प्रतिष्ठित संत और शिक्षाविदों ने भाग लिया। सब ने एक स्वर में सरकार से भारतीय शिक्षा बोर्ड से रामदेव जी और पतंजलि को हटाने की मांग की है।
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