*दर्जनों बार अधिकारियों से फरियाद करने के बाद हैंडपंप की नहीं हो सकी मरम्मत*
*कौशांबी।** -गांव क्षेत्र में बूंद – बूंद पानी के लिए हाहाकार मचा है। गर्मी के महीना के चलते पानी की समस्याएं और बढ़ गई है। ग्राम पंचायतों में बढ़ते भ्रष्टाचार के बाद चंद रुपयों की कमीशन खोरी के लालच में ब्लॉक के अधिकारी ग्राम प्रधानों की गुलामी करने लगे हैं जिसका खामियाजा आम जनमानस को भुगतना पड़ता है। अधिकारियों के इस गुलामी के कारनामे के चलते योगी सरकार की छवि पर बदनुमा दाग लग रहा है, उसके बाद भी अधिकारी अपनी आदत में सुधार करने को तैयार नहीं हो रहे हैं।
ताजा मामला कौशांबी विकासखंड क्षेत्र के बराई बंधवा ग्राम पंचायत का है जहां मोहम्मद फैज के घर के पास लगा हैंडपम्प 2 वर्षों पूर्व खराब हो गया। हैंडपंप की मरम्मत के लिए ग्रामीणों ने डीएम कमिश्नर मुख्यमंत्री से लेकर दर्जनों बार मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को शिकायती पत्र देकर हैंडपंप मरम्मत रिबोर कराए जाने की मांग की लेकिन गांव की राजनीति के चलते ग्राम प्रधान ने अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं किया जिससे 2 वर्ष के बीच बार – बार शिकायत किए जाने के बाद भी हैंडपंप की मरम्मत रिबोर नहीं हो सका है। हैंडपंप मरम्मत रिबोर ना होने से गर्मी के महीने में बीते 2 वर्षों से ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं ।
गर्मी के महीने में पानी की समस्या अधिक बढ़ जाती है जिससे ग्रामीणों को गांव के दूरदराज से हैंडपंपों से पानी लाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। जिले के तमाम ग्राम पंचायतों में हैंडपंप मरम्मत के मामले में बड़े खेल हो रहे हैं। करोड़ों रुपए की रकम हैंडपंप मरम्मत रिबोर के नाम पर कौशाम्बी ब्लॉक क्षेत्र में खर्च किए जाने के बाद भी पानी की समस्या बनी हुई है जिनमें खंड विकास अधिकारी कौशाम्बी की संलिप्तता बताई जाती है। बार – बार शिकायतें हो रही है लेकिन उसके बाद भी हैंडपंप मरम्मत के नाम पर घोटाले को अधिकारी गंभीरता से लेकर दोषियों को दंडित नहीं कर रहे हैं। लगातार अधिकारियों द्वारा खंड विकास अधिकारी कौशाम्बी को हैंडपंप मरम्मत कराए जाने का निर्देश दिया गया है।
इतना ही नहीं मुख्य विकास अधिकारी के स्टोनो ने टेलीफोन करके खंड विकास अधिकारी कौशांबी को हैंडपंप मरम्मत कराने के लिए सिफारिश की लेकिन सीडीओ के स्टोनो की सिफारिश पर भी खंड विकास अधिकारी सक्रिय नहीं हुए। खराब हैंडपंप मरम्मत कराने के लिए मुख्य विकास अधिकारी से भी टेलीफोन पर फरियाद की गई हैंडपंप खराब होने की सूचना बराई बन्धवा गांव के ग्रामीणों ने कई बार जिला पंचायत राज अधिकारी को भी दिया लेकिन जांच के नाम पर मामला शून्य रहा। 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी हैंडपंप की मरम्मत नहीं हो सकी। 2 वर्षों के बीच विभिन्न अधिकारियों को दिए गए दर्जनों शिकायती प्रार्थना पत्र रद्दी की टोकरी में चले गए हैं इससे योगी सरकार की कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिले में पानी की विकराल समस्या है। गर्मी के महीने में ग्रामीण पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। हैंडपंप 2 वर्षों से खराब है लेकिन मरम्मत नहीं हो सका। शिकायतें होने के बाद भी मामले को रद्दी में डाल दिया जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारियों के आदेशों का कितना पालन होता है। किस तरह से ब्लॉक के अधिकारी कमीशन खोरी की लालच में ग्राम प्रधानों की गुलामी कर रहे हैं। हैंडपंप मरम्मत के मामले में इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
ग्रामीणों ने एक बार फिर डीएम – सीडीओ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए 2 वर्षों से खराब हैंडपंप की मरम्मत ना कराने वाले ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर कार्रवाई की मांग करते हुए खंड विकास अधिकारी कौशाम्बी की लापरवाही पर बीडीओ पर भी विभागीय कार्यवाही कर निलंबित किए जाने की मांग की है लेकिन क्या योगी सरकार में मनमानी करने वाले लापरवाह अधिकारियों के कारनामों पर कठोर कार्रवाई हो पाएगी। योगी सरकार के निर्देशों का पालन भी जिले में अधिकारी कर पाएंगे या फिर आम जनता इसी तरह परेशान होती रहेगी और अधिकारी केवल बेहतर कानून व्यवस्था का झूठा हवाला देकर जनप्रतिनिधियों के सामने वाहवाही लूटते रहेंगे। इस प्रकरण पर शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच हुई तो कई अधिकारी जांच की आंच में झुलस सकते हैं।
