पटना पर आज पूरे देश की नजरें टिकी थीं। यहां से जिस संदेश की उम्मीद की जा रही थी वो सामने आया।
भाजपा के खिलाफ 15 विपक्षी दलों के नेता दल-बल के साथ पटना पहुंचे थे। कई राज्यों के भाजपा विरोधी दलों के नेताओं ने आपसी मतभेद भुलाकर एक मेज पर बैठक में हिस्सा लिया। सबने मिलकर तय किया कि भाजपा को हर हाल में सत्ता से हटाना है और इसके लिए साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। ये शुरूआती बैठक थी, अब जुलाई में दूसरी बैठक शिमला में होगी।
लेकिन सवाल यह उठता है कि महागठबंधन यथार्थ सत्य है। या फिर सभी विपक्षी खेमें का निहित स्वार्थ।
शरद यादव याद हैं? पिछले कुछ वर्षों से वह दरकिनार थे और अब तो दुनिया में भी नहीं रहे। वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के संयोजक थे। ढेर सारे दल तब जुड़े, जिसमें उठापटक के खतरे के बीच भी केंद्र में सरकार चली थी। ठीकठाक चली थी। शुक्रवार को भाजपा विरोधी 15 दल एक साथ जुटे। और अपनी सहमति जताते हुए एक साथ चुनाव लड़ने की हामी भी भरी। वहीं भाजपा बार-बार सवाल कर रही है कि भाजपा के विरोध में इतनी लंबी बारात तो जुट गई है, लेकिन दूल्हा कौन होगा?
भाजपा के साथ बार-बार मिलना और दूर होना, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह इकलौता निगेटिव प्वाइंट है। इसी के आधार पर आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं ने होर्डिंग्स के जरिए नीतीश-निश्चय पर सवाल भी उठाया है। दूसरी तरफ नीतीश कुमार के पक्ष में सबसे बड़ी और ताजा बात यह है कि उन्होंने अलग-अलग मोर्चे पर आपस में जूझ रहीं भाजपा-विरोधी पार्टियों को बहुत कम समय में एक जगह बैठक के लिए बुला लिया।
बैठक के बाद सभी मुख्य विपक्षी पार्टी के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते हुआ कहा कि हम सब एकजुट होकर भाजपा की नीतिओं एवं विचारधारा के खिलाफ लड़ेगें।
उमर अब्दुल्ला विपक्षी दलों का साथ आना मामूली बात नहीं है। हमारा मकसद ताकत हासिल करना नहीं है। ये सत्ता की लड़ाई नहीं, उसूलों और विचारधारा की लड़ाई है। देश के संविधान बचाने की लड़ाई है। मैं मेहबूबा मुफ्ती देश के बदनसीब इलाका से ताल्लुक रखते हैं। जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिले।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सबकी विचारधारा अलग है। हम देश की अखंडता के लिए साथ आए हैं। देश में तानाशाही लाने वालों का विरोध करेंगे। शरद पवार ने कहा कि हम सब साथ लड़ेंगे। आपसी मतभेद छोड़कर आगे बढ़ेंगे। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी राज्यों के लिए अलग-अलग सीटों पर होगी चर्चा। एजेंडा भी तय होगा। राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण हो रही है। इतिहास पर संस्थान पर बीजेपी आक्रमण कर रही है। ये विचारधारा की लड़ाई है। हमने निर्णय लिया है कि हम एकसाथ काम करेंगे। हम अपनी विचारधारा की रक्षा करेंगे।
विपक्षी दलों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल नहीं आए। वहीं, एमके स्टालिन भी पटना से रवाना हो गए।
बीजेपी के कुछ शीर्ष नेताओं ने इस बैठक को बकवास बताया है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।
ईं0 मंजुल तिवारी
सम्पादक राष्ट्र दर्पण न्यूज
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