*कौशाम्बी* उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित गृहे-गृहे संस्कृतम् योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदों के तत्तत् केंद्रों का सामूहिक उद्घाटन गूगलमीट के माध्यम से हुआ। सत्र के अध्यक्ष एवं संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने सभी केंद्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह योजना एक अश्वमेध यज्ञ के समान है जिसमें हम सभी संस्कृतसैनिक अपने-अपने सहयोग की आहूतियां दे रहे हैं। गृहे-गृहे संस्कृत कार्ययोजना के माध्यम से प्रत्येक घर तक संस्कृत भाषा को पहुंचाने का पुनीत कार्य संस्कृत प्रशिक्षकों की सहायता से उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान कर रहा है। भाषाविभाग उ.प्र. सरकार और संस्कृत संस्थान साथ में मिलकर संस्कृत के प्रचार प्रसार हेतु नये शिक्षकों को प्रशिक्षित करके उनके सहयोग से संस्कृत भाषाशिक्षण कक्षाएं आयोजित कर रहा है। संस्थान के द्वारा एक संस्कृत हेल्प डेस्क पोर्टल भी बनाया जा रहा है। इसी प्रकार संस्थान द्वारा अन्य बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस कार्ययोजना में प्रशिक्षण प्रमुख सुधिष्ट मिश्र के मार्गदर्शन में सभी ऑनलाइन कक्षाओं के प्रशिक्षकों का भी पूर्ण सहयोग रहेगा। श्री दुर्गा देवी उ. मा. विद्यालय मंझनपुर कौशांबी केंद्र में दीप प्रज्वलन मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कथा वाचक वाचस्पति मिश्र ने किया और केंद्र प्रमुख प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि संस्कृत के प्रचार प्रसार पर बल दिया व संरक्षक राष्ट्रपति पुरुस्कृत डॉ. रवींद्र नाथ शुक्ल ने कहा कि संस्कृत ही सारे विश्व की समस्याओं का निदान कर सकती है।
योजना सर्वेक्षिका डॉ. चन्द्रकला शाक्या ने सभी शिक्षकों तथा केन्द्र प्रमुखों के उत्साह को बढ़ाते हुए आभार व्यक्त किया कि आप सभी के सहयोग से यह अखिल प्रदेश व्यापी योजना संचालित होने जा रही योजना से सम्पृक्त प्रत्येक जन महत्त्वपूर्ण हैं सभी को शुभकामनाएं एवं धन्यवाद । इसी क्रम में संस्थान के पदाधिकारी प्रशासनिकाधिकारी डॉ दिनेश मिश्र, डॉ.जगदानंद झा, भगवान् सिंह, इत्यादि ने अपने विचार व्यक्त किये।
शिक्षक ज्ञानेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत का पुनः युग आ रहा है उससे प्रतीत होता है कि भारतीय संस्कृति का अद्भुत मिलन भविष्य होना निश्चित है। भारत पुनः जगत गुरु बनेगा और विश्व का मार्गदर्शन देवभाषा संस्कृत और भारतीय संस्कृति इसका आधार होगी ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षक दीपक पाण्डेय ने किया, संस्थान गीतिका प्रशिक्षिका पूजा वाजपेयी के द्वारा संस्थान गीतिका गायी योजना समन्वयक अनिल गौतम ने प्रस्तावना वाचन करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। मुख्य समन्वयक धीरज मैठाणी ने समग्र योजना का इतिवृत्त प्रस्तुत किया । प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ मिश्र के मार्गदर्शन से जुलाई मास में 67 केद्रों का शुभारंभ हो रहा है जिनमें 2000 शिक्षार्थियों को पढाया जायेगा । आगे जनपद संयोजकों के माध्यम से इस कार्य को और गति प्रदान की जायेगी तकनीकी नियंत्रण समन्वयिका राधाशर्मा ने किया। समन्वयन गण में दिव्यरञ्जन, राधाशर्मा, गणेशदत्त द्विवेदी, स्तुति गोस्वामी एवं सहयोगी सविता मौर्य, महेंद्र मिश्र, पूजा वाजपेयी, अजय कुमार हैं। प्रशिक्षिका निधि मिश्रा ने शान्ति मन्त्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम में समस्त ऑनलाइन कक्षाओं के प्रशिक्षक , कर्मचारियों सहित केंद्रों प्रमुख , शिक्षार्थी एवं केंद्र संचालक शिक्षक उपस्थित रहे।
