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काम की लड़ाई नाम पर क्यों आई- (2024 की लडाई NDA बनाम INDIA)-

भारतीय राजनीति में विपक्षी एकता के लिए 18 जुलाई का दिन हमेशा याद किया जाएगा।मंगलवार 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का नामकरण हो गया इसके साथ ही 2004 में बने UPA का सियासी अस्तित्व खत्म हो गया। अब यूपीए अतीत की बात हो गई और भारतीय राजनीति में एक नए गठबंधन ने आकार ले लिया है। तो क्या चुनावी इतिहास में जैसा कमाल 1977 और 1989 में एकजुट विपक्ष ने किया था, वैसा नया गठबंधन कर पाएगा। आइए आपको टीम इंडिया और टीम एनडीए की शक्ति के बारे में बताते हैं।
बेंगलौर मे 26 विपक्षी पार्टियों की मींटिंग के बाद UPA का नाम बदलकर INDIA कर दिया गया है। लोकसभा चुनाव 2024 में 26 विपक्षी दल ‘I.N.D.I.A’ नाम के गठबंधन के साथ उतरेंगे। ये गठबंधन UPA (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की जगह लेगा। कांग्रेस समेत 26 पार्टियों के इस गठबंधन का मुख्य एजेंडा बीजेपी के गठबंधन NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को टक्कर देना है। वही 18 जुलाई को बीजेपी के गठबंधन NDA नें 38 दलों की मीटिंग नई दिल्ली में किया। NDA गठबंधन के 38 दलों की खाश विशेषता यह भी है कि उसके 25 दलों के एक भी सांसद नही हैं।
विपक्ष का मंच तो एक है लेकिन दल अनेक हैं। यहां देश के वो तमाम क्षेत्रीय क्षत्रप मौजूद हैं, जिन्होंने अपने दम पर मोदी मैजिक को अपने गढ़ में रोका है। इनमें अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, सिद्दारमैया जैसे नेता शामिल हैं। यहां विपरीत विचारधाराओं से जुडे़ कई दल दिखे, जो राज्य में एक-दूसरे के कट्टर सियासी दुश्मन हैं। अब तक सब अलग-अलग चुनाव लड़ते थे, लेकिन अब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, एक नई पहचान और एक नए नाम के साथ।
विपक्षी एकता की दूसरे दिन की बैठक मंगलवार को बेंगलुरु में हुई। 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एक साथ आए हैं। बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम INDIA तय किया गया है। इसका फुल फॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस है। इसका ऐलान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने कहा- समन्वय के लिए 11 सदस्यों की कमेटी और एक कार्यालय जल्द बनाया जाएगा। इसकी घोषणा मुंबई में होने वाली हमारी अगली बैठक में होगी। खड़गे ने कहा- भाजपा ने लोकतंत्र की सभी एजेंसियों ED, CBI आदि को नष्ट कर दिया है। हमारे बीच राजनीतिक भेद हैं, लेकिन हम देश को बचाने के लिए साथ आए हैं। इससे पहले हम पटना में मिले थे, जहां 16 पार्टियां मौजूद थीं। आज की बैठक में 26 पार्टियों ने हिस्सा लिया। यह देखकर NDA 36 पार्टियों के साथ बैठक कर रहे हैं। मुझे नहीं पता वो कौन सी पार्टियां हैं। वे रजिस्टर्ड भी हैं या नहीं?

सारी मीडिया पर मोदी का कब्जा। ऐसा पहले कभी नहीं देखा था कि मीडिया हमारे खिलाफ इतनी शत्रुतापूर्ण है।
गठबंधन को लीड कौन करेगा, फेस कौन होगा। इस सवाल के जवाब में खड़गे बोले- हम कोऑर्डिनेशन कमेटी बना रहे हैं। मुंबई की बैठक में ये 11 नाम तय होंगे। आगे की जानकारी तभी मिलेगी। वही विपक्ष की मींटिंग के बाद अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि पीएम नरेन्द्र मोदी के पास मौका था लेकिन नौ सालों में उन्होंने है क्षेत्र को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने सब कुछ बेच दिया। आज देश में हर आदमी दुखी है। 26 पार्टियां अपने लिए नहीं देश के लिए एकजुट हुए हैं। हम देश को बचाने आए हैं, जिस तरह से पूरे देश में नफरत फैलाई जा रही है उसे बचाना है।
वहीं नई दिल्ली के अशोका होटल में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की बैठक हुई। इस मीटिंग में 38 पार्टियों ने हिस्सा लिया। एनडीए की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि देश विपक्षी दलों के झूठ, अफवाहों और बेबुनियाद आरोपों को खारिज करते हुए एनडीए गठबंधन के नेतृत्व पर भरोसा जता रहा है। सूत्रों का कहना है कि NDA के बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ एनसीपी नेता अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल की बैठक हुई। ये बैठक 30 मिनट चली।इस बैठक में महाराष्ट्र और लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद पीएम ने कहा कि जनता देख रही है कि ये पार्टियां क्यों इकट्ठा हो रही हैं? जनता ये भी जान रही है कि ऐसा कौन सा गोंद है जो इन पार्टियों को जोड़ रहा है। किस तरह छोटे-छोटे स्वार्थ के लिए मूल्यों और सिद्धांतों से समझौता किया जा रहा है।
लेकिन बीजेपी को अगर गहराई से समझा जाय तो उसके कथनी और करनी में अंतर प्रतीत होता दिख रहा है। क्योंकि मुख्तार जैसे माफिया को अभी तक आडे हांथों लेने वाली बीजेपी ने ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से गठबंधन कर लिया है। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से मुख्तार अंसारी का लड़का अब्बास अंसारी विधायक है जो कि वर्तमान में जेल में है। अब देखना दिलचस्प होगा कि अब्बास अंसारी बीजेपी की सहयोगी पार्टी का विधायक होने के बाद भी उसके ऊपर राज्य सरकार का रवैया कैसा रहता है।

ईं0 मंजुल तिवारी
सम्पादक राष्ट्र दर्पण न्यूज
सम्पर्क सूत्र- 7007829370

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Author: rashtradarpan