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सुब्रत रॉय के निधन के बाद सेबी के पास पड़े सहारा ग्रुप के 25000 करोड़ का क्या होगा?

सहारा ग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय सहारा का 14 नवंबर को मुंबई में निधन हो गया। SEBI के अकाउंट में पड़ी 25000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिना बंटी हुई रकम फिर से चर्चा का विषय बना है। 31 मार्च 2023 तक सहारा समूह की बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है। अब इस पैसे का क्या होगा, इसी को लेकर बड़ा सवाल है। क्या ये रकम निवेशकों को लौटाई जाएगी? या पूरा पैसा भारत की संचित निधि में वापस कर दिया जायेगा।

सरकार ने दावा किया कि जब को-ऑपरेटिव सोसाइटियों में रकम जमा करने वाले रिटेल इन्वेस्टर्स अपना पैसा वापस चाहते थे, तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत के आदेश के तहत शुरुआत में सेबी से 5,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इससे इंवेस्टर्स को सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए पैसा मिलना शुरू हुआ। एक अधिकारी के मुताबिक, अगर आगे जरूरत पड़ी, तो सरकार सेबी से रिफंड पोर्टल पर और पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहेगी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पिछले साल जुलाई में सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था। इसके वेरिफाई होने के बाद रजिस्ट्रेशन के 45 दिनों के भीतर सेबी में पड़े फंड से सरकार पैसे ट्रांसफर कर रही है। आपको बताते चलें कि Sahara Group की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में करीब तीन करोड़ निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई जमा की थी‌। सबसे ज्यादा निवेशक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी लाखों लोगों को अभी तक पैसे वापस नहीं मिले हैं। SEBI ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था। इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपए जमा करने को कहा गया। हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है।

सहारा इंडिया के पतन की शुरुआत प्राइम सिटी के IPO से हुई थी। इस धोखाधड़ी का पता चलने के बाद सेबी ने सहारा इंडिया के सेबी अकाउंट को फ्रीज कर दिया और केस दायर किया। इस केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुब्रत रॉय को दो साल तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। वह 2016 में पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। सहाराश्री के पास 259900 करोड़ से अधिक की निजी संपत्ति थी। उनके पास करीब 30970 एकड़ का लैंडबैंक रहा है।इसके अलावा देशभर में 5000 से ऑफिस यूनिट्स है। इसके अलावा उनके पास लखनऊ का सहारा शहर, सहारा के ऑफिस, सहारा मॉल जैसी संपत्तियां है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक सहारा ग्रुप के पास 9 करोड़ निवेशक हैं। देशभर के अलग-अलग इलाके में उनके पास अरबों रुपए की जमीन और होटल हैं।

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Author: manjul tiwari