डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आ गया है। उसे 21 दिन के लिए फरलो दी गई है। इससे पहले भी राहत के नाम पर कई बार राम रहीम को जेल से बाहर भेजा गया है। उस पर बलात्कार का आरोप है और हिंसा भड़काने में भी उसका हाथ माना जाता है। लेकिन इस समय वो सातवीं बार जेल से बाहर आ चुका है और इस बार उसे फरलो दी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि साल 2017 में राम रहीम को सजा दी गई थी, रेप मामले में 20 साल और हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा मिली थी। लेकिन अभी तक सात बार उसे जेल से बाहर आने का मौका मिल चुका है, कभी पैरोल तो कभी फरलो के रूप में राहत मिलती रही है। इस साल जुलाई में भी राम रहीम को पैरोल पर बाहर भेजा गया था।
बता दें कि राम रहीम को अगस्त 2017 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के लिए दोषी ठहराया था। अब इस जांच के बीच ही समय-समय पर राम रहीम को जेल सजा से राहत मिलती रही। कभी इसे पैरोल का नाम दिया गया तो कभी फरलो का। यहां ये समझना जरूरी है कि फरलो और पैरोल में अंतर होता है। एक तरफ पैरोल तो सजा मिलने के एक साल बाद भी मिल सकती है, लेकिन फरलो सिर्फ उन्हीं कैदियों को दी जाती है जिनकी सजा कई सालों की रहती है। वहां भी जब तीन साल की सजा पूरी कर ली जाती है, उसके बाद से कैदी को फरलो दी जा सकती है।
नियम ये भी रहता है कि पैरोल में कैदी जितने दिन भी बाहर रहता है, उतना समय उसे बाद में जेल में काटना भी पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर 21 दिन की पैरोल मिली है तो बाद में 21 दिन की अतिरिक्त सजा भी काटनी पड़ेगी। वहीं फरलो के साथ ऐसा कोई नियम नहीं जुड़ा होता है। लेकिन फरलो जितनी बार ली जाती है, उसके दिन उतने ही कम होते जाते हैं।
