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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला रेड्डी कांग्रेस में शामिल –

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला गुरुवार को नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गईं। उन्होंने अपनी सबसे पुरानी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना कांग्रेस के विलय की भी घोषणा की और कहा कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह उसे पूरा करेंगी। वाईएस शर्मिला, YSRCP के मुखिया और अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं। भाई जगन मोहन से ‘राजनीतिक विरासत को लेकर हुई अनबन के बाद, उन्होंने जुलाई 2021 में YSR तेलंगाना पार्टी की शुरुआत की थी। कांग्रेस में औपचारिक रूप से शामिल होने के मौके पर शर्मिला ने कहा,

“आज YSR तेलंगाना पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि YSR तेलंगाना पार्टी आज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अंग बनने जा रही है। मेरे लिए ये खुशी की बात है कि YSR तेलंगाना पार्टी अब कांग्रेस से अलग नहीं रहेगी. तेलुगु लोगों के महान नेता YS राजशेखर रेड्डी ने न सिर्फ पूरे जीवन कांग्रेस की सेवा की, बल्कि कांग्रेस की सेवा करते हुए अपना जीवन दे दिया। और आज ये खुशी की बात है कि उनकी बेटी उनके पदचिह्नों पर है।”

आइये जानते शर्मिला रेड्डी के बारे में- वाईएस शर्मिला आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की बेटी और आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन हैं। शर्मिला अपने भाई जगन से 1 साल की छोटी हैं और वह 51 वर्षी की हैं. शर्मिला का विवाह भाई अनिल कुमार से हुआ है, जो आंध्र प्रदेश में अपने धर्म प्रचार के लिए जाने जाते हैं। अनिल कुमार ने वाईएसआर की मृत्यु के बाद अपनी प्रचार गतिविधियों से ब्रेक ले लिया था और 2010 में इसे फिर से शुरू किया। शर्मिला के दो बच्चे हैं, जिनका नाम है राजा रेड्डी और अंजलि रेड्डी। शर्मिला के अपने भाई जगन से राजनीतिक रूप से तल्ख रिश्ते रहे हैं। शर्मिला अपने भाई के साथ ही वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थीं, मगर जुलाई 2021 में उन्होंने अपनी राह अलग कर ली थी। माना जा रहा है कि तेलंगाना और कर्नाटक में मिली सफलता के बाद कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस विलय को एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना और आगामी राज्य चुनावों से पहले एक संयुक्त मोर्चा बनाना है। हाल ही में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वाईएस शर्मिला ने लगातार कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन दिया था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से शर्मिला अपने भाई जगन को बड़ा झटका दे सकती हैं। माना जा रहा है कि शर्मिला के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस को तेलंगाना में राजनीतिक फायदा हो सकता है।

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Author: manjul tiwari