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प्रेमी के साथ भागी बालिका की मिली लाश

कौशाम्बी

हत्या करके लाश को ठिकाने लगाने के लिए संदीपन घाट थाना क्षेत्र का रेलवे लाइन मुफीद स्थान बनता जा रहा है। आए दिन हत्या करके लाश रेलवे लाइन के आसपास फेंक कर हत्यारे फरार हो जाते हैं और अभिलेखों में अपराधों का ग्राफ ना बढ़े इसलिए हत्यारो के बचाव के लिए संदीपन घाट थाना की पुलिस बयान बाजी कर उस दुर्घटना को आत्महत्या साबित करने पर उतावली हो जाती है। इतना ही नहीं थाना पुलिस उपस्थित साक्ष्य को नजरअंदाज कर पुलिस अधिकारियों को भी गुमराह कर रही है जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। आखिर मौके की परिस्थितियों को पुलिस नजर अंदाज कर, क्यों हत्या को आत्महत्या दुर्घटना बनाने पर उतावली दिखाई पड़ती हैॽ हत्यारो से थाना पुलिस का क्या लगाव है लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है।

शुक्रवार को एक बालिका की लाश संदीपन घाट थाना क्षेत्र के रेलवे लाइन पर मिली मौके की स्थिति बालिका की हत्या कर लाश ठिकाने लगाने की गवाही दे रहे थी लेकिन उसके बाद थाना पुलिस दुर्घटना की बयान बाजी करने लगी है। शनिवार को फिर संदीपन घाट थाना क्षेत्र के दुधारा गांव के सामने रेलवे क्रॉसिंग के पास एक युवती की लाश मिली है। घटना स्थल पर खून नहीं है लाश डाउन रेलवे लाइन के बीच की जगह पर पड़ी हुई है जहां दुर्घटना के बाद लाश पहुंच नहीं सकती है। मौके पर अन्य तमाम साक्ष्य दुर्घटना और आत्महत्या से इनकार कर रहे हैं लेकिन थाना पुलिस इस मामले में भी आत्महत्या की बयानबाजी करने लगी है। हत्यारे को बचाने के लिए थाना पुलिस चश्मदीद बनने लगी है इससे ज्यादा थाना पुलिस की स्थिति क्या खराब होगी। मृतक युवती की शिनाख्त दुधारा मजरा मालक मोहिद्दीनपुर के रेनू पत्नी राजू के रूप में हुई है।

सैनी कोतवाली के लुकिया गांव की रेनू 4 साल पहले राजू के साथ घर छोड़कर फरार हो गई थी। परिवार के लोगों ने थाना में सूचना दिया था। पुलिस ने दोनों के बीच समझौता करा कर लव मैरिज में शादी करवा दी लेकिन परिवार के लोग इस लव मैरिज की शादी से खुश नही थे। दूसरी जाति की लड़की होने के चलते ससुराल के लोग लगातार उसका विरोध कर रहे थे। रेनू की मौत के बाद रेलवे लाइन के पास पहुंचे रेनू के ससुर भोले के चेहरे में किसी सफलता की मुस्कान देखी गई है जो किसी और तरफ इशारा कर रही है लेकिन तमाम साक्ष्य के बाद भी थाना पुलिस युवती की मौत के मामले में ससुराली जनों के बयान का समर्थन करते हुए आत्महत्या की गवाही देने लगी है। अब सवाल उठता है कि युवती की हत्या कर लाश ठिकाने लगाने वालों से थाना पुलिस का कितने में सौदा हुआ है, यह बड़ी जांच का विषय है। आखिर कब तक थाना पुलिस हत्यारो से सौदेबाजी करके हत्या की घटनाओं को आत्महत्या और दुर्घटना बताती रहेगी और पुलिस अधिकारी थाना पुलिस की बातों का विश्वास करते रहेंगे।

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Author: rashtradarpan