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INDIA बनाम NDA का मैच- “कौन पकडेगा कैच”-

मणिपुर में पिछले लगभग ढाई महीने से चल रही हिंसा पर विपक्षी दल प्रधानमंत्री से लगातार सदन में आकर बयान देने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
मणिपुर में पिछले लगभग ढाई महीने से अधिक समय से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष के बीच दो महिलाओं के वीडियो वायरल हुए थे। पिछले हफ्ते जारी इन वीडियो में इन महिलाओं को निर्वस्त्र परेड करवाते दिखाया गया था। वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दल प्रधानमंत्री से संसद में आकर मणिपुर पर बयान देने की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से सदन में जवाब देने की मांग को लेकर हुए हंगामे के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को निलंबित किया जा चुका है।
मणिपुर के मुद्दे और विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA पर पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में गतिरोध बढ़ता जा रहा है।
संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच तनातनी के बीच मंगलवार को पहली बार अपनी पार्टियों के सांसदों के साथ बैठक की। इसी बैठक में पीएम ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया पर टिप्पणी की थी।
पीएम मोदी ने मंगलवार को बीजेपी सांसदों की बैठक में कांग्रेस समेत 26 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘INDIA’ को निशाना बनाया। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष मान चुके हैं कि उन्हें सत्ता में नहीं आना। पीएम ने एक टिप्पणी की है कि इंडियन नेशनल कांग्रेस को अंग्रेज ने बनाया था। ईस्ट इंडिया कंपनी को भी अंग्रेजों ने बनाया था। आज कल लोग इंडियन मुजाहिद्दीन भी नाम रखते हैं, इंडियन पीपल्स फ्रंट भी नाम रखते हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को दिशाहीन करार दिया और कहा कि ऐसे लोग देश के नाम का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह नहीं कर सकते है।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, “हम मणिपुर के बारे में बात कर रहे हैं, जो जल रहा है लेकिन प्रधान मंत्री ईस्ट इंडिया (कंपनी) के बारे में बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत का मतलब ईस्ट इंडिया (कंपनी) है।” “आप मणिपुर में हो रही बर्बरता व भयावह हिंसा पर संसद में कब बयान देंगे ? मणिपुर के लोगों के घावों में मरहम लगाकर, वहां शान्ति कब बहाल करेंगे ? विपक्ष देश को दिशा दे रहा है। प्रधानमंत्री खुद ही दिशाहीन हो गए हैं।”
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “हम मणिपुर के जख़्म भरने में मदद करेंगे। हम मणिपुर की औरतों और बच्चों के आंसू पोछेंगे। हम मणिपुर के लोगों में प्यार और शांति को वापस लाएंगे। भारत के विचार को हम मणिपुर में फिर से बनाएंगे।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि ये साफ है कि प्रधानमंत्री “26 पार्टियों वाले भारत से बहुत परेशान हैं।” “जब भी मोदी घिरते हैं वो यही रणनीति अपनाते हैं – इनकार करना, ध्यान भटकाना, तोड़ना-मरोड़ना, भटकाना और बदनाम करना।”
हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी जी के Tweet पर कहा, “मिस्टर गांधी, यही बुनियादी पूर्वाग्रह दरअसल ‘इंडिया’ की समस्या है। भारत में हमारी निष्ठा प्रत्येक नागरिक के लिए है-चाहे वो मणिपुर हो, राजस्थान हो, पश्चिम बंगाल हो या असम।” भारत जीतेगा, भारत को जीतना ही है।”
सुप्रिया श्रीनेत ने ट्विटर पर कहा कि “विपक्ष को कोसते-कोसते प्रधानमंत्री मोदी ‘इंडिया’ को ही भला बुरा कहने लग गये?” पीएम मोदी के बयान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “एक बात साफ़ है – अपनी घटिया ट्रोल आर्मी को निर्देश आप ही देते हैं। विपक्ष दिशाभ्रमित नहीं है – आप नैतिक दिवालियेपन के शिकार हैं।”
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा,” मोदी जी की दिमाग़ी हालत साबित कर रहा है कि इंडिया की मोदी जी पर पहली जीत तो हो गई। हर विषय पर प्रवचनी अंदाज़ में ज्ञान बघारने वाले मोदी जी के ज्ञान की बत्ती को इंडिया ने बुझने के कगार पर पहुंचा दिया है।’’
मणिपुर पर पीएम से संसद में बयान देने की मांग पर बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कहा था कि विपक्ष ही मणिपुर हिंसा पर चर्चा नहीं करना चाहता क्योंकि उन्हें राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा पर बात करनी होगी।
मणिपुर के मुद्दे और विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया (INDIA) पर पीएम मोदी (PM Modi) की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में गतिरोध बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी को लेटर लिखकर इस गतिरोध को कम करने की कोशिश की है। इस बीच विपक्षी दल बुधवार (26 जुलाई) को सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे।
मणिपुर के मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर पीएम मोदी से संसद में बयान देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं। हंगामे के बीच मंगलवार को कुछ विधायी कामकाज भी पूरे किए गए। इस दौरान बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक, 2022 और जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022 लोकसभा में पारित किए गए।
मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहती है। मणिपुर हिंसा में NDA अपने आपको असहज भी महसूस करता दिख रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष कितना फायदा 2024 लोकसभा चुनाव में उठा पाती है।

ईं0 मंजुल तिवारी
सम्पादक राष्ट्र दर्पण न्यूज
सम्पर्क सूत्र- 7007829370

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Author: rashtradarpan