अमलेश राज बोधों आज़म गढ़ निवासी हैं जो कि सन् 2024 के चुनाव दृष्टिगत कौशांबी के संसदीय क्षेत्र में विस्तारक के रूप में दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं उन्होंने एक मार्मिक काब्य के माध्यम से समाज में फैली जाति गत कुनीतिक संक्रमण में कुण्ठा ब्यक्त करते हुए लोगों से देश हित में मतदान करने की अपील की है साथ ही अपनी कविता के माध्यम से समाज को मतदान के अधिकार के प्रति जागरूक करने का सराहनीय प्रयास किया है जिन्होंने अपनी कविता का शीर्षक ही ( अधिकार ) रखा है
*अधिकार*
यह हिंदुस्तान हमारा है
यह हिंदुस्तान हमारा है
जो प्राणों से भी प्यार है
यह हिंदुस्तान हमारा है
है सही वक्त मतदान करो
यह अधिकार हमारा है
जात-पात की राजनीति
फिर भारत को ना ले डूबे
न सफल हो देश के दुश्मन के
नापाक इरादे मनसूबे
हर हाल में इसकी रक्षा हो
यह उद्गार हमारा है
है सही वक्त मतदान करो,
यह अधिकार हमारा है
जो मातृभूमि में वार गए
उन वीर सपूतों की सौगंध
वो हमें बांट ना पाएंगे
जो घुसे हुए हैं चंद जयचंद
भरम मिटा दो जात-पात का
यह हिंदुस्तान हमारा है
है सही वक्त मतदान करो
यह अधिकार हमारा है
जो अविरल गगन पर लहराए
झण्डे की अपने वो छटा रहे
है सच्चा देश सपूत वही
जो देश के हित में डटा रहे
अब बन्दे मातरम बन्दे मातरम
बन्दे मातरम का नारा है
है सही समय मतदान करो
यह अधिकार हमारा है
अमलेश राज बोधों