राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद BJP में अब मुख्यमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर जारी है। जहां राजस्थान में और छत्तीसगढ़ में BJP अब तक विपक्ष में थी वहीं मध्य प्रदेश में BJP ने सत्ता में वापसी की है। मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अलग-अलग नामों पर चर्चा के बीच यह चर्चा गरम है कि पार्टी तीनों राज्यों में किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। हालांकि, पार्टी का कोई भी नेता इस मसले पर कुछ भी नहीं बोल रहा है।
एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों के परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए गए थे। शिवराज, वसुंधरा और रमन सिंह यहां के सीएम रह चुके हैं। इन राज्यों में सीएम फेस के चयन के लिए अमित शाह और जेपी नड्डा वहां के इंचार्ज से भी फीडबैक ले चुके हैं।
एमपी में शिवराज के अलावा प्रह्लाद पटेल, ज्योदिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर औऱ कैलाश विजयवर्गीय के नाम पर अटकलों का बाजार गर्म है। राजस्थान में वसुंधरा के अलावा ओम बिड़ला, गजेंद्र शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, सीपी जोशी, दीया कुमारी और बालकनाथ के नाम की चर्चा है। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के अलावा अरुण कुमार साय, धर्मलाल कौशिक, पूर्व IAS अधिकारी ओपी चौधरी सीएम रेस में माने जा रहे हैं।
राजस्थान में CM पद की रेस में सबसे ज्यादा चर्चा बाबा बालकनाथ की है। आइये जानते हैं बाबा बालकनाथ कौन हैं।
महंत बालक नाथ राजस्थान के कोहराना जिले के रहने वाले हैं। इनका जन्म 16 अप्रैल 1984 को हुआ था। इनके पिता का नाम सुभाष यादव और माता का नाम उर्मिला देवी है। इनका नाम बाबा खेतानाथ ने गुरमुख रखा था। महंत बालक नाथ 6 वर्ष की आयु तक मत्स्येंद्र महाराज के आश्रम में रहे थे, उसके बाद इन्हें महंत चांदनाथ के साथ हनुमानगढ़ जिले के नाथावली थेरी गांव में एक मठ में भेज दिया गया। यहां पर यह काफी लंबे समय तक रहे। 29 जुलाई 2016 को महंत चांदनाथ ने एक समारोह आयोजित किया था, जिसमें योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव ने भी भाग लिया था। इसी समारोह में इन्होंने महंत बालक नाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। महंत बालक नाथ रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी है। बाबा बालक नाथ को राजस्थान का योगी भी कहते हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने तिजारा से चुनावी टिकट दिया है। वैसे बाबा बालक नाथ अलवर से बीजेपी सांसद है। लेकिन इस चुनाव में भाजपा ने कई सांसदों को टिकट दिया है, उनमें से एक नाम बाबा बालकनाथ का है। इनका नाम दूसरे सासंद की तुलना में सबसे ज्यादा चर्चा में रहता है। इनकी ड्रेसिंग स्टाइल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से काफी मिलती-जुलती है। यही कारण है कि इन्हें राजस्थान का योगी के नाम से बुलाया जाता है। महंत बालक नाथ का राजनीतिक करियर साल 2019 के लोकसभा चुनाव से शुरू हुआ जब इन्हें राजस्थान के अलवर से टिकट मिला। इन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हराया। इसके बाद वे पहली बार सांसद बने। कांग्रेस के दिग्गज नेता को करारी हार देने के बाद महंत बालक नाथ “बाबा” के नाम से राजनीति के गलियारों में प्रसिद्ध हो गए। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके प्रचार के लिए अलवर का दौरा किया था। पिछले साल जब आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई तो महंत बालक नाथ ने संवाददाताओं से कहा कि हमारे बड़े भाई की जीत है। उनका और हमारा संप्रदाय और पंथ एक ही है।